मासूम कातिल

मासूम कातिल


किसी के मासूम से चेहरे ने किया क्या जादू
देखते रह गए उनको न रहा खुद पे काबू
उनकी मासूमियत तो देखिए गजब ढा रही है
शोख नजरें जो उठ के गिरी कयामत बरपा रही है।

वो कहते हैं रुख से अपनी नजरें हटा लीजिए
हमें आती है हया कुछ तो जमाने की परवा कीजे
उन्हें कौन ये समझाए, सुकूं दिल को मिलता है
देख के चेहरा उनका जीने का सबब बनता है।

उफ्फ वो उनका हौले से सर को झटकाना
चेहरे से अपने बार बार जुल्फ को हटाना
वो इठला के बल खा के बिजलियां गिराना
बड़ा शोख कातिल है मेरा दिलबर
उसे खूब आता है कत्ल करके मुकर जाना।।

आभार – नवीन पहल – १३.०९.२०२२💞💞

# प्रतियोगिता हेतु

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8 Comments

Achha likha hai 💐

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Wahhhh उसे खूब आता है कत्ल करके मुकर जाना,,, outstanding

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Raziya bano

14-Sep-2022 10:24 AM

शानदार

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